Kavi Tribhuvan Swayambhu
कविवर त्रिभुवन स्वयंभू
महाकवि स्वयंभू देव के सबसे छोटे पुत्र का नाम त्रिभुवन स्वयंभू था। वे अपने पिता के सुयोग्य पुत्र और मेधावी कवि थे। उन्हें कविराज चक्रवर्ती और धवल वृषभ की उपमा प्राप्त थी। त्रिभुवन स्वयंभू शास्त्रों के ज्ञाता और कवि गुण से संपन्न थे। इनका समय नवमी शताब्दी माना गया है।
ऐसा प्रमाण मिलता है कि इन्होंने अपने पिता द्वारा लिखित पंचमि चरिउ, रित्थ णेमि चरिउ, पंचमि चरिउ ग्रंथ के अपूर्ण अंश को पूरा किया है। इनके द्वारा रचित एक ग्रंथ है। जिसका नाम सुव्वय चरिउ है।
Shastra by Kavi Tribhuvan Swayambhu
Category |
|
Subcategory |
|
Name |
|
Description |
|
Rachaita |
|
Tikakar/Translator |
|
Publisher |
|
Published year |
|
Edition |
|
Scan/Type |
|
Source |
|
Other Details |
|
URL |
Visit |